The 2-Minute Rule for best hindi story
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किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे
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अब्दुल को दूर से देखकर झटपट दौड़ उसके पास पहुंच जाया करती थी।
पास ही वैद्यराज का घर था। वह संत को देख रहे थे। वैद्यराज दौड़ते हुए आए। उन्होंने बिच्छू को एक डंडे के सहारे दूर फेंक दिया।
मरने के पहले पागल बिशन सिंह की गाली, भारत और पाकिस्तान के लहूलुहान बंटवारे पर एक ऐसी टिप्पणी बन जाती है, जो अब विश्व कथा साहित्य में एक गहरी, मार्मिक, अविस्मरणीय मनुष्यता की चीख़ के रूप में हमेशा के लिए उपस्थित है :
चार मित्र व शिकारी- हितोपदेश की प्रेरक कहानियां
The novel delves into themes like gender inequality, social reform, and The search for private flexibility. This Hindi fiction e book is celebrated for its practical portrayal of characters and its social commentary. The narrative skillfully addresses the complexities of Indian society, shedding light-weight on the oppression confronted by Women of all ages and the need for social transformation.
मोरल – अधिक शरारत और दूसरों को तंग करने की आदत सदैव आफत बन जाती है।
पेंटिंग की कोई भी प्रतियोगिता स्कूल में होती, तो उसमें वह प्रथम स्थान प्राप्त करता। मुकेश की पेंटिंग की website सराहना स्कूल में भी की जाती थी।
स्कूल में लेट होने के कारण मैडम डांट भी लगाती थी।
दोनों भाई खेलने लगे, इसको देकर उसकी मां बहुत खुश हुई।
ऐसा करता देख उन्होंने बच्चों को डांट कर भगाया , और विषधर को अपने साथ ले गए।
शांति ने ऊब कर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर वह जो कुछ लिखना चाहती थी, उससे लिखा न जाता था। भावावेश में कुछ-का-कुछ उपेन्द्रनाथ अश्क
मोरल – स्वयं की सतर्कता से बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।